शेयर बाजार में जोरदार उछाल: सेंसेक्स 1,046 अंक चढ़ा, निवेशकों को मिली बड़ी राहत!

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों ने जमकर खरीदारी की, जिसके दम पर बीएसई सेंसेक्स 1,046 अंक (1.3%) उछलकर 82,408 के स्तर पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 319 अंक (1.3%) की तेजी के साथ 25,112 के स्तर पर पहुँच गया है। इस जोरदार तेजी के पीछे कई बड़े कारण रहे, जिनमें बैंकिंग शेयरों में बढ़त और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान प्रमुख हैं।

बाजार को मिली दोहरी ताकत

 बाजार को मुख्य रूप से दो बड़े फैक्टर से सहारा मिला :

परियोजना वित्त नियमों में ढील: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा परियोजना वित्त नियमों में ढील दिए जाने के बाद बैंकिंग और अन्य बड़े शेयरों में भारी बढ़त दर्ज हुई। HDFC बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे दिग्गजों ने सूचकांक को ऊपर खिचने में अहम भूमिका निभाई । HDFC बैंक के शेयर में 1.6% की तेजी आई,जो इस बढ़त में सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा। 

ट्रंप का बयान : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान से भी निवेशकों ने राहत की सांस ली कि अमेरिका ईरान -इजराइल के संघर्ष में सीधे सैन्य हस्तक्षेप पर तत्काल कोई निर्णय नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि वह अगले दो सप्ताह में इस संबंध में कोई फैसला करेंगे। इस बयान से पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के बढ़ाने की चिंताएं कम हैं, जिससे वैश्विक बाजारों को भी फायदा मिला। 

मार्केट कैप में बंपर इजाफा

शुक्रवार की खरीदारी के परिणामस्वरूप, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पुंजिकरण 5 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 448 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 1.6% की तेजी दर्ज हुई है। सूचकांकों के तेजी में HDFC बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक का आधे से अधिक योगदान रहा। इन शेयरों ने 15 मई के बाद किसी एक कारोबारी दिवस में सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की।

विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा

शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने कुल 8,000 करोड़ रुपये मूल्य की लिवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,045 करोड़ रुपये की बिकवाली की। बीएसई और एफटीएसई सूचकांकों में नवीनतम पुनर्सतुलन के लिए जरूरी समायोजन के कारण संस्थागत निवेशक अधिक सक्रिय रहे। इससे कच्चे तेल का भाव भी नीचे आया, जिससे घरेलू बाजार को राहत मिली और विदेशी निवेशकों का उत्साह भी बढ़ा।  

कच्चा तेल शुक्रवार को 3% फिसलकर 75.7 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा था, हालांकि जून में अब तक यह 21%तक उछल चुका है।