ईरान-इज़राइल युद्धविराम का असर: बाज़ार में उछाल, इन 3 स्टॉक्स ने पकड़ी तेज़ी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष विराम कि घोषणा के बाद, भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिला । इसका सीधा असर बासमती चावल निर्यात करने वाली कंपनियों के शेयरों पर पड़ा । मंगलवार को बीएसई पर लिस्टेड तीन प्रमुख कंपनियों-एलटी फूड्स (LT Foods), केआरबीएल (KRBL) और चमन लाल सैटिया एक्सपोर्ट्स के शेयरों में ज़बरदस्त उछाल आया।
बासमती शेयरों में क्यों आई तेज़ी?
ईरान और इजराइल के बीच पिछले 12 दिनों से चल रहे तनाव के कारण पश्चिम एशिया को होने वाले चावल निर्यात पर असर पड़ने कि आशंका थी, जिसके चलते इन कंपनियों के शेयरों में पिछले दो हफ्तों में 9% से 14% तक की गिरावट आई थी। हालांकि, सीजफायर की खबर ने निवेशकों में उम्मीद जगाई कि अब स्थिति सामान्य हो सकती है।
इस सकारात्मक खबर के बाद:
- एलटी फूड्स (LT Foods) का शेयर 11% चढ़कर ₹448.90 पर पहुंच गया।
- केआरबीएल (KRBL) के शेयर में 9% की तेज़ी आई और यह ₹362.60 पर कारोबार करने लगा।
- चमन लाल सैटिया एक्सपोर्ट्स के शेयर में 8% की बढ़त दर्ज हुई और यह ₹357.50 तक पहुंच गया।
एलटी फूड्स के अनुसार, भारत के कुल बासमती चावल निर्यात का 74% हिस्सा पश्चिम एशिया को जाता है, जो लगभग 28 करोड़ कि आबादी वाला एक महत्वपूर्ण और सबसे बड़ा बाजार है।
एलटी फूड्स को नोटिस, पर शेयर पर नहीं दिखा ज़्यादा असर
सोमवार को एलटी फूड्स के शेयरों में 7% कि गिरावट जरूर आई थी, क्योंकि कंपनी ने जानकारी दी थी कि उसकी सहायक कंपनी इकोप्योर स्पेशलिटीज को ₹50 करोड़ कि बिक्री पर 340% काउंटरवेलिंग ड्यूटी का नोटिस मिला है। यह नोटिस जनवरी से दिसंबर 2023 कि बिक्री से संबंधित है। हालंकी कंपनी ने स्पष्ट किया है कि इससे भविष्य कि कमाई पर कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा, और मंगलवार को शेयर में जबरदस्त उछाल ने इसे साबित भी कर दिया।
मोतीलाल ओसवाल का सकारात्मक दृष्टिकोण
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपनी रिपोर्ट में एलटी फूड्स के वित्तीय वर्ष 2025 के प्रदर्शन पर सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया है। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि बासमती और अन्य प्रीमियम चावल कि मांग इनपुट कॉस्ट में कमी और फ्रेट चार्ज के सामान्य होने से कंपनी के मार्जिन में सुधार होगा। इसके अलावा कंपनी ऑर्गेनिक, हेल्थ और रेडी-टू -कुक प्रोडक्ट पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जो भविष्य के विकास के लिए अच्छा संकेत है।
केआरबीएल और चमन लाल सैटिया को भी पश्चिम एशिया से क्रमशः 58% और अच्छी मात्रा में निर्यात आय प्राप्त होती है, जिसके कारण इन कंपनियों के शेयरों में भी उल्लेखनीय तेजी देखी गई।
भारत का चावल निर्यात
अनुमान है कि भारत 2025 में 1.8 करोड़ टन चावल का निर्यात करेगा, जो पिछले वर्ष कि तुलना में 15 लाख टन अधिक होगा। इसका मतलब है कि भारत अकेले वैश्विक चावल व्यापार का लगभग एक तिहाई हिस्सा कवर करेगा जो बासमती चावल निर्यातकों के लिए एक मजबूत संभावना दर्शाता है।