फिसला बाज़ार: हैवीवेट शेयरों के दबाव में सेंसेक्स 213 अंक और निफ्टी 24,853 पर बंद
इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर सोमवार को भारतीय शेयर बाजारों पर दिखा। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे इंडेक्स में भारी वजन रखने वाले शेयरों में बिकवाली देखी गई। इसके अलावा, HDFC बैंक और बजाज फाइनेंस जैसे हैवीवेट शेयरों में हुई बिकवाली ने भी बाजार को नीचे खिचने का काम किया।
बाज़ार का हाल: सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
- BSE सेंसेक्स: दिन की शुरुआत मामूली बढ़त के साथ 81,869.47 अंक पर हुई, लेकिन अंत में यह 212.85 अंक या 0.26% की गिरावट के साथ 81,583.30 पर बंद हुआ।
- NSE निफटी-50: यह भी 93.10 अंक या 0.37% की गिरावट के साथ 24,853 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 24,977.85 अंक तक फिसल गया था।
बाजार के 13 प्रमुख सेक्टर्स में से 13 लाल निशान में बंद हुए। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में भी लगभग 0.7% की गिरावट आई। टाटा मोटर्स के शेयर में 1.7% की गिरावट देखी गई, जो पिछले सत्र की 3.6% की गिरावट के बाद आई है। इसकी वजह कई ब्रोकरेज द्वारा FY26 के लिए JLR मार्जिन गाइडेंस को बाजार की उम्मीदों से कम बताया ।
ईरान-इजराइल संकट और बाज़ार पर असर
वीएसआरके कैपिटल के स्वप्निल अग्रवाल ने बताया की भारतीय बाजार ने अभी तक इजराइल तनाव के पूरे प्रभाव का आकलन नहीं किया है।
- वर्तमान स्थिति: फिलहाल यह तनाव उस स्तर तक नहीं पहुँच है जिससे बाजार में तेज गिरावट आए।
- बिगड़ते हालत: हालांकि,अगर स्थिति और बिगड़ती है तो बाजार में बड़ी गिरावट संभव है। ऐसी गिरावट को "दीपस पर खरीदारी" के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी स्थिति मजबूत बनी हुई है,
- तेल बाज़ार पर असर:अगर भू-राजनीतिक तनाव फिर से भड़कता है, तो इसका सबसे तात्कालिक असर तेल बाजार पर आपद सकता है। आपूर्ति या व्यापार मार्गों में किसी भी रुकावट से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आएगी, जिससे तेल वितरण कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा।
अग्रवाल ने यह भी कहा कि एविएशन और FMCG सेक्टर्स पर सीधा असर तब तक नहीं पड़ेगा जब तक अंतरराष्ट्रीय मार्गों में व्यापक रुकावट या ईधन कि कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी न हो या सप्लाई चेन पर असर न पड़े।
FIIs बनाम DIIs: निवेश का अंतर
- घरेलू निवेशक(DIIs): सोमवार को DIIs ने ₹5,607.64 करोड़ के शेयर खरीदे । यह दर्शाता है कि घरेलू निवेशक बाजार को लेकर स्थिर और सकारात्मक नजरिया बनाए हुए है और भारत कि संरचनात्मक मजबूती पर भरोसा कर रहे हैं।
- विदेशी निवेशक (FIIs): सोमवारको FIIs ने ₹2,287.69 करोड़ के शेयर बेचे। विदेशी निवेशक अधिक सतर्क दिखाई दे रहे हैं और वैश्विक घटनाओं पर तेज प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
वैश्विक बाज़ारों से संकेत
एशियाई बाजारों में मंगलवार को तेजी देखी गई, क्योंकि निवेशकों कि नजर इजराइल- ईरान संघर्ष के घटनाक्रम पर थी। रिपोर्टों से पता चलता है कि तेहरान बातचीत के लिए तेहरान बातचीत के लिए तैयार हो सकता जिससे तनाव कम होने कि उम्मीदें बढ़ी हैं।
- जापान: निक्केई में 0.68% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि व्यापक टॉपिक्स इंडेक्स स्थिर रहा।
- दक्षिण कोरिया: कोस्पी में 1.40% की वृद्धि हुई।
- ऑस्ट्रेलिया: एएसएक्स 200 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
अमेरिकी शेयर फ्यूचर्स में एशियाई बाजारों में कारोबार के दौरान गिरावट आई। हालांकि वॉल स्ट्रीट पर सोमवार को सभी प्रमुख इंडेक्स ने कूटनीतिक समाधान कि आशा के कारण बढ़त दर्ज की:
- डॉऊ जोन्स :0.75% चढ़ा।
- S&P 500: 0.94% कि बढ़त हुई।
- नैस्डैक कंपोजिट: 1.52% की उछाल आया।
कुल मिलाकर, भारतीय बाजार भू-राजनीतिक तनाव एयर वैश्विक संकेतों के बीच सावधानी से आगे बढ़ रहा है, जहां हैवीवेट शेयरों में बिकवाली के कारण गिरावट देखि गई।