ईरान पर इजरायल के हमले के बाद शेयर बाजार में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में बेतहाशा तेजी!
ईरान पर इजराइल के हवाई हमलों से दुनिया में खलबली मैच गई है। ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए इन हमलों के बाद जहां तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया, वहीं दुनियाभर के शेयर बाजार धड़ाम हो गए। और ईरान ने भी जवाबी कारवाई में इजराइल पर ड्रोन दागे हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वैश्विक नेताओं से बात की है।
वैश्विक अस्थिरता का बाजार पर असर
ताजा घटनाक्रम के बाद निवेशक जोखिम लेने से कतरा रहे हैं। बढ़ती मुद्रास्फीति और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके संभावित गंभीर असर ने निवेशकों का गणित बिगाड़ दिया है। ट्रम्प के शुल्क (टैरिफ) के बाद दुनिया में आर्थिक हालत को लेकर पहले ही अनिश्चितता बढ़ गई थी, और अब ईरान -इजराइल युद्ध ने स्थति को और भी बदतर बना दिया है।
- कच्चे तेल में रिकॉर्ड उछाल: ब्रेन्ट क्रूड 6% से अधिक चढ़कर $75.2 प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया। यह इस साल 9 अप्रैल के बाद कच्चे तेल के दाम में दूसरी सबसे बड़ी उछाल है। जून में अब तक कच्चा तेल 20% महंगा हो गया है, जो नवम्बर 2020 के बाद किसी महीने में तेल के दाम में सबसे बड़ी बढ़त है।
भारतीय शेयर बाजार और निवेशकों को लगा झटका
भारतीय शेयर बाजार भी इस तनाव से अछूता नहीं रहा।
- सेंसेक्स: बीएसई सेंसेक्स 573 अंक (0.7%) फिसल कर 81,119 पर बंद हुआ।
- निफ्टी: एनएसई निफ्टी भी 170 अंक (0.7%) लुढ़क कर 24,719 पर बंद हुआ।
- साप्ताहिक प्रदर्शन: इस सप्ताह सेंसेक्स में 1.3% और निफ्टी में 1.1% की गिरावट दर्ज हुई। निफ्टी मिडकैप 100 भी 0.4% टूट गया, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.5% की गिरावट दर्ज की गई।
- बाजार मूल्यांकन में कमी: बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन ₹2.4 लाख करोड़ कम हो गया।
सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर निवेशकों का रुझान
शेयरों में गिरावट के बीच निवेशकों ने सुरक्षित परिसंपत्तियों पर दांव खेला।
- सोना: सोना 1% बढ़कर $3,420 प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गया।
- रुपया: डॉलर की तुलना में रुपया 0.6% कमजोर होकर ₹86.1 पर आ गया।
- वैश्विक बाजार:एशिया और यूरोप में सभी शेयर सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई।
विशेषज्ञों की राय
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, "तेल के दाम बाजार का रुख तय करेंगे। अगर यह तनाव कम हो गया तो असर अस्थायी ही होगा, मगर लंबा खिंचा तो तेल के दाम वापस $100 के स्तर पर पहुंच सकते हैं।"
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख (धन प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि दुनिया में मौजूदा घटनाक्रम के कारण बाजार कमजोर रहेगा। उन्होंने कहा,'हालांकि,उद्योग विशेष से जुड़ी खबरें संबंधित क्षेत्रों की चाल लगातार तय करती रहेंगी।"
ईरान और इजराइल दशकों से परोक्ष रूप से एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। पिछले साल भी दोनों देशों ने एक दूसरे पर दो बार हमले किए, मगर यह पहला मौका है जब इजराइल ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हवाई हमले किए हैं, जिससे वैश्विक चिंताएं बढ़ गई हैं।