शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन तेज़ी, सेंसेक्स 84,000 के पार; निफ्टी 25,638 पर बंद – रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब!

भारतीय शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन तेजी का सिलसिला जारी रहा। शुक्रवार को सेंसेक्स 1 अक्टूबर 2024 के बाद पहली बार 84,000 के स्तर को पार कर गया। ईरान-और इजराइल की बीच तनाव कम होने और अमेरिका- चीन व्यापार समझौते की बढ़ती उम्मीदों ने निवेशकों के उत्साह को पंख दिए, जिससे बाजार ने जमकर छलांग लगाई। 

बाज़ार ने छुआ नया शिखर

एनएसई निफ्टी 89 अंक 0.35% चढ़कर 25,638 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई सेंसेक्स भी 303 अंक 0.36% की बढ़त बनाकर 84,059 पर पहुँच गया। दोनों ही मानक सूचकांक 1 अक्टूबर 2024 के बाद अपने सर्वोच्च स्तरों पर बंद हुए हैं। इस सप्ताह निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ने 2% की साप्ताहिक बढ़त दर्ज की, जो 16 मई के बाद सबसे ज्यादा है। निफ्टी स्मॉलकैप और मिडकैप 100 सूचकांकों में क्रमशः 4.3% और 2.4% की तेजी आई, जो व्यापक बाजार मेंभी सकरात्मकता दर्शाती है। 

प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन और बाज़ार को मिली ताकत

बाजार में इस तेजी के पीछे कई वैश्विक घटनाएं जिम्मेदार हैं:

  • ईरान-इजरायल संघर्ष विराम: इस सप्ताह ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के बाद तेल के दाम कम हो गए, जिससे निवेशकों का उत्साह काफी बढ़ गया।
  • अमेरिका-चीन व्यापार समझौता: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते की घोषणा के बाद शुक्रवार को ज़्यादातर एशियाई बाज़ारों में तेज़ी दिखी। इस समझौते को दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव कम होने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लटनिक ने तो यहाँ तक कहा कि चीन के बाद 10 अन्य बड़े व्यापारिक साझेदार देशों के साथ भी समझौते हो सकते हैं।
  • डॉलर में कमज़ोरी: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में बड़ी कटौती की उम्मीद और व्यापार समझौतों के लिए निर्धारित 9 जुलाई की समय सीमा पर अनिश्चितता बरकरार रहने से डॉलर दबाव में आ गया है, जिससे जिंसों के कारोबार की संभावनाएं मज़बूत हुई हैं। निफ्टी धातु सूचकांक में इस सप्ताह लगभग 5% की तेज़ी आई है।

विशेषज्ञों की राय और बाज़ार का दायरा

एक स्वतंत्र शेयर विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, "वैश्विक हालात अब बेहतर लग रहे हैं। अमेरिका और उसके साझेदार देशों के बीच व्यापार समझौते होने की उम्मीदें भी अब वास्तविक लगने लगी हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर 9 जुलाई तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला तो समय सीमा बढ़ाई जा सकती है। 

बाजार में कारोबार का दायरा बेहद मजबूत रहा, जहां 2,165 शेयरों में बढ़त दिखी, जबकि 1,846 में गिरावट आई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने ₹1,397 करोड़ मूल्य की शुद्ध खरीदारी की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹589 करोड़ मूल्य के शेयरों की बिकवाली की। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाज़ार पूंजीकरण ₹2.5 लाख करोड़ बढ़कर ₹460 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंच गया। 

कोटक सिक्योरिटीज में उपाध्याय (तकनीकी शोध) अमोल अठावले ने कहा,"निफ्टी में 25,500-25,300 और सेंसेक्स में 83,300-82,700 के बीच थोड़ा ठहराव दिख सकता है। बाजार जब तक इन स्तरों से ऊपर रहेगा तब तक बढ़त जारी रहने की उम्मीद है। निफ्टी और सेंसेक्स के लिए 25,800 और 84,400 के स्तर पर प्रतिरोध हो सकता है।"