SEBI के अनंत नारायण ने CFO और मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की दी सख्त चेतावनी
सेबी (SEBI) के पूर्णकालिक सदस्य, अनंत नारायण ने शुक्रवार को कुछ परिसंपत्तियों के मूल्यांकन के मौजूदा तरीकों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मुख्य वित्त अधिकारियों (CFOs) से अधिक जवाबदेह बनने का आग्रह करते हुए निवेशकों की सुरक्षा और वित्तीय रिपोर्टिंग में सुधार पर जोर दिया। ईटीसीएफओ नेक्स्टजेन समिट में नारायण ने उन मुद्दों को उठाया जो निवेशकों को गुमराह कर सकते हैं, जैसे कि भाव देखकर खरीदना, हितों का टकराव और पुरानी लेखांकन परिपाटियों का चलन।
मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
नारायण ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की अतीत की चुनौतियों से तुलना करते हुए सुझाव दिया की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करने वालों को अपनी प्रमुख धारणाओं संवेदनशीलता के दायरों और ट्रैक रिकॉर्ड का पूरा खुलासा करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इनमें ज्यादा परिवर्तन होते हैं, तो उन्हे जवाबदेही का सामना करना चाहिए।
- हितों का टकराव: नारायण ने हितों के संभावित टकराव की ओर इशारा किया, क्योंकि अक्सर मूल्यांकनकर्ताओं को उन्ही संस्थाओं द्वारा नियुक्त और भुगतान किया जाता है, जिनका वे मूल्यांकन करते हैं। इससे पक्षपातपूर्ण मूल्यांकन की संभावना बढ़ जाती है।
- मूल्यांकन में भिन्नताएं और जवाबदेही की कमी: उन्होंने बताया की मूल्यांकनकर्ताओं के बीच अलग-अलग अवधारणाओं के कारण परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में व्यापक भिन्नताएं पैदा हुई हैं। इसके अलावा,समय के साथ मूल्यांकन में नाटकीय परिवर्तन होने पर जवाबदेही बहुत कम रह गई है।
वित्तीय रिपोर्टिंग और CFOs की भूमिका
नारायण ने वित्तीय आंकड़ों में भरोसा मजबूत करने के लिए ऑडिट समितियों और लेखा परीक्षकों (ऑडिटर्स) के साथ घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए वित्तीय परिणामों और सालाना रिपोर्टों के बीच मौजूदा 70-140 दिन के अंतराल को कम करने का सुझाव दिया।
नारायण ने कहा कि, "भरोसा आधार है, पूंजी निर्माण इंजन है और नियमन सुरक्षा कवच है।" उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मुख्य वित्त अधिकारी (CFOs) इस पूरी प्रक्रिया के संचालक हैं। उन्होंने CFOs से केवल नियमों का पालन करने के बजाय, लेखांकन मानकों की मूल भावना को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने भेदिया कारोबार (Insider Trading) और रकम की हेराफेरी (Financial Manipulation) जैसी गलत परिपाटियों के खिलाफ भी सख्त चेतावनी दी।