गोल्ड स्टॉक्स का कमाल: सोने में तेजी आते ही इन दो शेयरों ने दिया बंपर रिटर्न, जानें पूरी कहानी

इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर धकेल दिया है, जिसका सीधा असर सोने की कीमतों पर दिख रहा है। भारत में एमसीएक्स पर अगस्त 2025 के गोल्ड कान्ट्रैक्ट की कीमत में ₹2,011 की तेज़ी देखी गई और यह ₹1,00,403 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया।

सोने की कीमतों में उछाल के कारण

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने इस तेजी की वजह बताते हुए कहा:

  • भू-राजनीतिक संकट: इजराइल द्वारा ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले के बाद भू-राजनीतिक तनाव गहरा गया है,जिससे अनिश्चितता बढ़ी है। 
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेज़ी:  अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमेक्स गोल्ड $50 की तेजी के साथ $3,425 तक पहुंच गया। 
  • रुपये में गिरावट: भारतीय बाजार में सोना 2% इसलिए भी चढ़ा क्योंकि रुपया डॉलर के मुकाबले 6 पैसे टूटकर ₹86.1 हो गया।

गोल्ड फाइनेंसर कंपनियों के शेयर चमके

सोने की कीमतें बढ़ने से उन कंपनियों को सीधा फायदा होता है जो सोने के बदले लोन देती हैं। शुक्रवार को बाजार बंद होने के साथ:

  • मणप्पुरम फाइनेंस का शेयर 3.36% बढ़कर ₹279.60 पर बंद हुआ।
  • मुथूट फाइनेंस का शेयर भी 1.87% बढ़कर ₹2,600 पर बंद हुआ।
  • कुल मिलाकर गोल्ड फाइनेंसर स्टॉक्स में 3% तक की तेज़ी देखने को मिली।

क्यों चढ़ते हैं इनके शेयर?

जब सोने की कीमत बढ़ती है,तो सोने के बदले दिए जाने वाले लोन की वैल्यू भी बढ़ जाती है। इससे ग्राहकों के लिए ज्यादा रकम उधार लेना आसान हो जाता है, और कंपनी का रिस्क कम हो जाता है। अगर ग्राहक लोन नहीं चुका पाते,तो गिरवी रखे सोने को ज्यादा कीमत पर बेचा जा सकता है। इससे इन कंपनियों की कमाई और प्रॉफिटेबिलिटी बेहतर होती है।  

कौन होते हैं गोल्ड फाइनेंसर?

गोल्ड फाइनेंसर वे कंपनियां (ज़्यादातर गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान या NBFC) होती हैं जो सोने के गहनों के बदले लोन देती हैं। ये लोन आमतौर पर शॉर्ट-टर्म होते हैं और जल्दी मिल जाते हैं, जो आम लोगों और छोटे कारोबारियों के लिए काफ़ी मददगार होते हैं।

ज्वेलरी कंपनियों के शेयरों में गिरावट

जब सोने कीमत अचानक बढ़ती है,तो ग्राहक अक्सर गहनों की खरीदारी टाल देते हैं,या कम मात्रा में खरीदते हैं। इससे ज्वेलरी कंपनियों की बिक्री घट जाती है और उनके मुनाफे पर सीधा असर पड़ता है। यही वजह है कि सोना चढ़ते ही इन कंपनियों के शेयरों पर दबाव बन जाता है।