इजराइल-ईरान युद्ध से बाजार की बढ़ी टेंशन, सेंसेक्स 573 अंक गिरा, निफ्टी 24718 पर बंद; Nifty PSU Bank 1.18% फिसला

हफ्ते के आखिरी ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार 13 जून को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुए। इजरायल द्वारा ईरान पर सैन्य हमले के बाद तेल समृद्ध मिडिल ईस्ट में बढ़े तनाव का असर निवेशकों के सेंटीमेंट पर साफ दिखाई दिया। हालांकि,प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स दिन के निचले स्तरों से कुछ हद तक रिकवर होने में कामयाब रहे, लेकिन फिर भी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए।  

बाजार का हाल: सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट 

  • सेंसेक्स: तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज 1100 अंक से ज़्यादा की गिरावट लेकर 80,427.81 पर खुला। खुलते ही इसमें बिकवाली हावी हो गई और कारोबार के दौरान यह 80,354 अंक तक फिसल गया था। अंत में यह 573.38 अंक या 0.70% की गिरावट लेकर 81,118.60 पर बंद हुआ।
  • निफ्टी-50: नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 सीधा 25 हजार के मनोवैज्ञानिक लेवल से नीचे खुला। कारोबार के दौरान यह 24,473 अंक तक फिसल गया था। अंत में यह 169.60 अंक या 0.68% की गिरावट लेकर 24,718 पर क्लोज हुआ।

सेक्टोरल प्रदर्शन: लगभग सभी सेक्टर लाल निशान में

बाजार में लगभग सभी सेक्टर्स में गिरावट दर्ज की गई:

  • निफ्टी पीएसयू बैंक और निफ्टी एफएमसीजी में 1% से ज़्यादा की गिरावट आई।
  • निफ्टी मेटल, फाइनेंशियल सर्विसेज, ऑटो, एनर्जी, फार्मा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस में भी गिरावट देखने को मिली।
  • निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स क्रमशः 0.24% और 0.43% की गिरावट के साथ बंद हुए।

शेयर बाजार में गिरावट की मुख्य वजहें:

  • इजराइल-ईरान सैन्य हमला: इजरायल ने शुक्रवार को ईरान पर सैन्य हमला किया, जिसमें कथित तौर पर "ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के मुख्य भाग" को निशाना बनाया गया। रूस यूक्रेन संघर्ष के बीच यह नया भू-राजनीतिक तनाव निवेशकों के लिए सबसे बड़ी चिंता बन गया है। बाजार के जानकारों का कहना है कि यह तनाव और बढ़ सकता है, जिससे मिडिल ईस्ट में एक बड़े संघर्ष की आशंका है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान के खिलाफ यह अभियान "जितने दिनों तक आवश्यक होगा, जारी रहेगा।"
  • कच्चे तेल की कीमतों में उछाल: मिडिल ईस्ट से सप्लाई में व्यवधान की चिंताओं के बीच, ईरान-इजरायल संघर्ष के बाद डब्ल्यूटीआई क्रूड और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 10% से ज़्यादा की वृद्धि हुई। भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल आयातकों में से एक के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। तेल की कीमतों में तेज उछाल देश के राजकोषीय घाटे के लिए अच्छी खबर नहीं है और इससे हाल ही में कम हो रही महंगाई का दबाव फिर से बढ़ सकता है।
  • वैश्विक बाजारों में गिरावट: भू-राजनीतिक तनाव के चलते एशियाई और अन्य वैश्विक बाजारों में भी तेज गिरावट आई:
  • जापान का निक्केई इंडेक्स 1.16% और टॉपिक्स इंडेक्स 1% से अधिक गिरा।
  • दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.67% टूटा और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 इंडेक्स 0.17% फिसल गया।
  • हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 0.98% और मेनलैंड चीन के सीएसआई 300 में 0.78% की गिरावट आई।
  • प्री-मार्केट ट्रेडिंग में अमेरिकी फ्यूचर्स भी डूबे, नैस्डैक कंपोजिट फ्यूचर्स 1.7%, एसएंडपी 500 फ्यूचर्स 1.6% और डॉव जोन्स फ्यूचर्स 1.47% गिरे। हालांकि, गुरुवार को वॉल स्ट्रीट के प्रमुख इंडेक्स हरे निशान पर बंद हुए थे।

निवेशकों को ₹2 लाख करोड़ का नुकसान

बाजार में आज निवेशकों की संपत्ति ₹2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद ₹450,52,928 करोड़ रुपये था, जो शुक्रवार को ₹447,48,445.76 करोड़ रुपये पर आ गया।