EBLR या MCLR: रेपो रेट कट के बाद आपकी EMI तुरंत घटेगी या नहीं, ऐसे जानें अपने लोन का कनेक्शन!

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, जिससे यह दर 6% से घटकर 5.5% हो गई है। यह खबर तो सभी को पता है कि रेपो रेट कट के बाद आपके लोन सस्ते होंगे, लेकिन ये कब से सस्ते होंगे और आपकी EMI कब से कम होगी ये जानना जरूरी है । क्या आपका लोन EBLR से जुड़ा है या MCLR से ?

MCLR क्या है?

MCLR (Marginal Cost of Funds based Lending Rate) एक ऐसी प्रणाली है जिसे आरबीआई ने 2016 में कमर्शियल बैंकों द्वारा ऋण की ब्याज दरें तय करने के लिए लागू किया था। इसका मकसद बैंकों की लेंडिंग रेट्स की नीतिगत दरों के ट्रांसमिशन को बेहतर बनाना और ब्याज दरों की निर्धारण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना था। 

  • न्यूनतम दर: MCLR वह न्यूनतम दर होती है जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता। यह पुरानी 'आधार दर' (Base Rate) की जगह इस्तेमाल हो रहा है।
  • गणना: MCLR की गणना धनराशि की सीमांत लागत (Marginal Cost of Funds), आवधिक प्रीमियम (Period Premium), संचालन खर्च (Operating Expenses) और नकदी भंडार अनुपात (Cash Reserves Ratio) को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है।
  • अनिवार्यता: बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का MCLR घोषित करना अनिवार्य होता है

MCLR से जुड़े लोन तुरंत सस्ते क्यों नहीं होते?

आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद MCLR से लिंक्ड लोन तुरंत सस्ते नहीं होते, इसमें तोड़ समय लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि MCLR सिस्टम में बैंक होम लोन को आमतौर पर 6 माह या एक साल वाले MCLR से लिंक रखतें हैं । ऐसे में इस अवधि के बीच में रेपो रेट के उतार-चढ़ाव का असर MCLR लोन के रेट पर तुरंत नहीं दिखता है। EMI कम होने के लिए ग्राहकों को अगली रीसेट अवधि तक इंतजार करना पड़ता है। 

EBLR क्या है?

EBLR (External Benchmark Lending Rate) का मतलब बाहरी बेंचमार्क लेंडिंग रेट होता है। इसे अक्टूबर 2019 में MCLR की कमियों को दूर करने के लिए लाया गया था। 

  • सीधा कनेक्शन: EBLR सीधे तौर पर रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़ा होता है। इसमें बैंकों की परिचालन लागत का कोई सीधा रोल नहीं होता। 
  • तुरंत असर : ऐसे में, रेपो रेट कम होते ही EBLR सिस्टम से लिंक्ड लोन भी तुरंत सस्ते होने लगते हैं और आपकी EMI फटाफट कम होती है। यह MCLR के मुकाबले कहीं ज्यादा फ्लेक्सिबल है। 

आपका लोन किससे लिंक्ड है, कैसे पता करें?

यह पता लगाने के लिए कि आपका लोन EBLR से जुड़ा है या MCLR से, आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं:

  1. लोन स्टेटमेंट चेक करें: आपके लोन की स्टेटमेंट में ब्याज दर के प्रकार के बारे में जानकारी होगी।
  2. बैंक कस्टमर केयर से संपर्क करें: अपने बैंक के कस्टमर केयर से सीधे पूछें कि आपका लोन किस बेंचमार्क से जुड़ा है।

MCLR से EBLR में कन्वर्ट कराने का विकल्प

अगर किसी ग्राहक ने MCLR पर आधारित होम लोन ले रखा है और वह इसे EBLR पर आधारित होम लोन में कन्वर्ट कराना चाहता है,तो कई बैंक इसकी सुविधा दे रहे हैं। कन्वर्ट कराने के लिए ग्राहक को एकबारगी चार्ज का भुगतान करना होगा जो अलग-अलग बैंकों में भिन्न हो सकता है।