भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर बड़ी कारवाई कि है। सेबी ने फर्म को भारतीय क्षेत्र बाजार में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है और उस पर बाजार में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। सेबी ने एक अंतरिम आदेश जारी कर Jane Street को ₹4,844 करोड़ कि अवैध कमाई लौटाने का भी निर्देश दिया है। यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक फर्म यह पूरी राशि वापस नहीं दे देती ।
सेबी के आरोप और कार्रवाई का कारण
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने 105 पेज के अपने आदेश में कहा है कि ऐसे मामलों में तत्काल रोक के आदेश जरूरी हैं ताकि निवेशकों का भरोसा बना रहे। सेबी के मुताबिक,Jane Street कि रणनीति कुछ इस तरह थी।
- ऑप्शंस में आक्रामक पोजिशन: फर्म पहले ऑप्शंस सेगमेंट में बड़ी पोजिशन बनाती थी।
- कैश और फ्यूचर्स सेगमेंट में हेराफेरी: इसके बाद, यह शेयर बाजार (कैश और फ्यूचर्स सेगमेंट) में बड़ी खरीदारी करके जानबूझकर दामों को प्रभावित करती थी।
- एक्सपायरी के दिन का फायदा: खासकर साप्ताहिक इंडेक्स ऑप्शन की एक्सपायरी वाले दिनों में, जब कैश और फ्यूचर्स सेगमेंट में ट्रेडिंग कम होती है, तब यह कंपनी भारी ट्रेडिंग करके इंडेक्स को अपनी दिशा में मोड़ देती थी और ऑप्शंस में मोटा मुनाफा कमाती थी।
जांच में पाया गया कि Jane Street ने बैंक निफ्टी के 12 स्टॉक्स और उनके फ्यूचर्स में भारी खरीदारी की, जिससे इन शेयरों के दाम ऊपर गए और कंपनी ने ऑप्शंस में बड़ी पोजीशन बनाकर फायदा उठाया। सेबी का कहना है कि फर्म ने बैंक निफ्टी से जुड़े शेयरों में असामान्य रूप से अधिक संख्या में बाय ऑर्डर दिए, जो आखिरी सौदे कि कीमत के बराबर या ऊससे ऊपर थे, ताकि कीमतों को बढ़ाया जा सके। सेबी इसे PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) रेगुलेशन का प्राथमिक उल्लंघन मान रहा है।
Jane Street का मुनाफा और नुकसान
सेबी के आदेश के अनुसार, जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच Jane Street ने ऑप्शंस ट्रेडिंग से ₹44,358 करोड़ का भारी मुनाफा कमाया। हालांकि, इसी दौरान कंपनी को स्टॉक फ्यूचर्स में ₹7,208 करोड़, इंडेक्स फ्यूचर्स में ₹191 करोड़ और कैश सेगमेंट में ₹288 करोड़ का नुकसान भी हुआ। कुल मिलाकर, इस अवधि में Jane Street को ₹36,671 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ, जिसे सेबी ने अवैध कमाई बताया है।
सेबी ने सभी एक्सचेंजों को JS Group की सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रखने का निर्देश दिया है ताकि भविष्य में किसी भी तरह की हेराफेरी को रोका जा सके और निवेशकों का भरोसा कायम रहे।