SIP मे बढ़ोतरी के चलते ज्यादा समय में म्यूचुअल फ़ंड का एक डाहुत बड़ा बेस किया गया  है, आप अपने फ़ंड को गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं । म्यूचुअल फ़ंड मे लोन लेने का चलन निवेशको के बीच तेजी से हो रहा है । निवेशको के समझ मे आ रहा है कि ज्यादा समय तक निवेश बनाये रखना उनके लिए अधिक फायदेमंद है । ऐसे मे अब तत्काल जरूरत पड़ने पर अपने म्यूचुअल फ़ंड तोड़ने के बजाय उसी के ऊपर लोन लेकर जरूरत को पूरा कर सकते हैं क्योंकि यह एक अच्छा विकल्प है । 

डिजिटल प्रोसेस से म्यूचुअल फ़ंड पर लोन कि बदती मांग का मिल रहा फायदा 

इससे पहले म्यूचुअल फ़ंड पर लोन कि प्रकिया ऑफलाइन थी , जिसमे एक हफ्ते समय लग जाता था ।लेकिन यह प्रक्रिया  डिजिटल होने से अब लोग अपने घर या ऑफिस से लोन आसानी से कुछ ही समय मे प्राप्त कर सकते हैं। एमएएफ़एस  के सीईओ कृष्ण कन्हैया के कथन अनुसार ये लोन ऑनलाइन उपलब्ध है ,अब आप इसको जल्दी और आसानी से प्राप्त कर सकते हैं । 

कृष्ण कन्हैया का कहना है कि सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) मे बढ़ोत्तरी के चलते ज्यादा समय वाले म्यूचुअल फ़ंड को गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं । 

इससे पहले बाजार मे गिरावट आते ही निवेशक अपने म्यूचुअल फ़ंड के यूनिट को बेचने लगते थे। लेकीन इसका ट्रेंड बादल रहा है । धनलैप के संस्थापक & सीईओ  सीआर चन्द्रशेखर  का कहना है अब लोग बाजार मे गिरावट के दौरान भी अपनी यूनिट को बेचने के बजाय उसी पर लोन के तरीको का यूज कर रहे हैं । उससे उनकी वेल्थ कंपाउंड होती रहती है । म्यूचुअल फ़ंड लंबे समय मे 12से 15% CAGR दे सकते हैं  इसके अलावा कर्जो के के सख्त नियमो के कारण लोग अब सिक्योर्ड लोन विकल्पों कि तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं । बैंक बाजार के सीईओ अधिल सेट्ठी के अनुसार , पर्सनल लोन और छोटे अमाउंट वाले अब मुश्किल से मिल रहे हैं । वहीं किसी एसेट के खिलाफ लोन लेना सस्ता है और इसकी मंजूरी भी जल्दी मिल जाती है । 

म्यूचुअल फ़ंड लोन सस्ते होते हैं नही लगती फोरक्लोजर फीस   

म्यूचुअल फ़ंड पर मिलने वाले  लोन  अब पर्सनल लोन कि तुलना किफ़ायती साबित हो रहे हैं । एक्सपेर्ट के मुताबिक इन लोन पर इन लोन पर ब्याज दरें 10 से 14% के बीच होती हैं । 

कृष्ण कन्हैया का कहना है कि उनकी कंपनी क्लाइंट कि प्रोफ़ाइल या लोन कि राशि कि परवाह किए ही सालाना 10.5% कि व्याज दर वसूलती है  वही धनलप के चन्द्रशेखर कहते है उनकी कंपनी 1.5 से 11 %के बीच व्याज लेती है । 

सावधान : शेयर बाजार मे उतार चढ़ाव  से गिरवी रखे गए सिक्योरिटीज कि वैल्यू को प्रभावित कर सकता है , जिससे (मार्जिन कॉल) कि स्थिति बन सकती है चंद्रशेखर के अनुसार, “कभी-कभी हालात इतने बिगड़ सकते हैं कि मार्जिन कॉल को पूरा करने के लिए कुछ फ़ंड कि यूनिट  बेचने की नौबत आ जाती है।”

अधिल शेट्टी आगाह करते हैं कि अगर लोन लेने वाला व्यक्ति  समय पर भुगतान नहीं कर पाया, तो उसकी संपत्तियां भी जब्त हो सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इक्विटी म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न सुनिश्चित नहीं होता। चंद्रशेखर के मुताबिक, “कुछ वर्षों में आपके म्यूचुअल फंड यूनिट्स से मिलने वाला रिटर्न, लोन पर लगने वाले ब्याज से भी कम हो सकता है। अगर कोई भी व्यक्ति EMI आधारित लोन लिया है तो हर महीने मूलधन और ब्याज चुकाना जरूरी होता है । वित्तीय विशेषज्ञ चंद्रशेखर का कहना है कि जिन निवेशकों के लिए EMI चुकाना मुश्किल हो सकता है, उनके लिए बेहतर यही होगा कि वे म्यूचुअल फंड यूनिट्स बेचकर जरूरत का पैसा जुटाएं।

अभिषेक कुमार यह भी सलाह देते हैं कि बाजार में गिरावट के दौरान मार्जिन कॉल से बचने के लिए अतिरिक्त म्यूचुअल फंड यूनिट्स या नकद राशि अपने पास रखें जिससे आपको  परेशानी का सामना न करना पड़े ।